

कॉमेडियन कुणाल कामरा को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा, लेकिन इस बार चर्चित फिल्ममेकर हंसल मेहता उनके समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। हंसल मेहता ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए सिर्फ कुणाल के लिए ही नहीं, बल्कि कलाकारों की स्वतंत्रता के लिए भी चिंता जताई है। उन्होंने अपनी खुद की आपबीती भी साझा की और बताया कि कैसे सत्ता की आलोचना करने वालों को हमेशा निशाना बनाया जाता रहा है।
हंसल मेहता ने क्यों तोड़ी चुप्पी?
हंसल मेहता ने अपने बयान में लिखा:
“मैंने अपने करियर में कई मुश्किल दौर देखे हैं, लेकिन कभी समझौता नहीं किया। जब भी किसी कलाकार की आवाज दबाई जाती है, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, पूरी क्रिएटिविटी की हार होती है। अगर हम आज नहीं बोले, तो कल कोई और चुप हो जाएगा।”
हंसल मेहता का मानना है कि स्टैंड-अप कॉमेडी सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का आईना होती है। उन्होंने कहा कि “जो बातें आम लोग खुलकर नहीं कह पाते, वो कलाकार अपने अंदाज में बोलते हैं, और यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है।”
कुणाल कामरा विवाद क्या है?
कुणाल कामरा अपने सीधे और बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं, लेकिन हाल ही में उनके कुछ बयानों को लेकर विवाद बढ़ गया है। सत्ता के खिलाफ अपने कटाक्षों की वजह से उन्हें कई बार ट्रोलिंग और प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
बॉलीवुड का क्या रुख है?
बॉलीवुड के कई सितारे संवेदनशील मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं, लेकिन हंसल मेहता हमेशा से सामाजिक और राजनीतिक मामलों पर बेबाकी से अपनी राय रखते आए हैं। इससे पहले भी मेहता “अलीगढ़”, “ओमेर्टा”, और “स्कूप” जैसी फिल्मों और वेब सीरीज़ में सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए सुर्खियों में रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कैसी प्रतिक्रियाएं?
हंसल मेहता के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनके समर्थन में उतर आए हैं, तो कुछ ने उन्हें “बायस्ड” कहकर आलोचना की है।
आपका इस मुद्दे पर क्या कहना है? क्या आपको लगता है कि कलाकारों को खुलकर बोलने की आजादी मिलनी चाहिए, या उन्हें “संवेदनशील” विषयों से बचना चाहिए? हमें कमेंट में अपनी राय बताएं!