
वॉशिंगटन/नई दिल्ली:
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे लगभग 3 लाख भारतीय छात्रों के लिए बुरी खबर है। अमेरिकी संसद में एक नया बिल पेश किया गया है जो OPT (Optional Practical Training) प्रोग्राम को सीमित या बंद करने का प्रस्ताव रखता है। यह प्रोग्राम STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) फील्ड के छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में काम करने का अवसर देता है।
क्या है OPT प्रोग्राम?
OPT प्रोग्राम एक ऐसा वर्क परमिट है, जो F-1 वीज़ा पर पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद 1 से 3 साल तक अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। इसमें ज्यादातर लाभ भारतीय और चीनी छात्र उठाते हैं।
नए बिल से क्या बदल जाएगा?
अगर यह प्रस्तावित कानून पास हो गया, तो विदेशी छात्रों को OPT की सुविधा नहीं मिलेगी। इसका मतलब है कि पढ़ाई पूरी करते ही उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ेगा या फिर सीधे H-1B वीज़ा के लिए अप्लाई करना होगा — जो कि बेहद सीमित और लॉटरी बेस्ड है।
भारतीय छात्रों पर सीधा असर
• हजारों छात्रों के करियर प्लान रुक सकते हैं।
• अमेरिका में मिलने वाला इंटरनेशनल वर्क एक्सपीरियंस खत्म हो जाएगा।
• जो छात्र अमेरिका में सेटल होने का सपना देख रहे थे, उनके लिए रास्ता मुश्किल हो सकता है।
कॉलेज और यूनिवर्सिटी की चिंता
अमेरिका की कई प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ ने इस बिल का विरोध किया है। उनका मानना है कि इस फैसले से अमेरिका की वैश्विक शिक्षा प्रणाली कमजोर होगी और प्रतिभाशाली छात्र दूसरे देशों जैसे कि कनाडा, यूके या ऑस्ट्रेलिया की ओर रुख करेंगे।
भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा?
भारत से हर साल हजारों छात्र अमेरिका पढ़ाई के लिए जाते हैं। यह बदलाव आने वाले वर्षों में भारतीय छात्रों की अमेरिका में रुचि घटा सकता है और देश की एजुकेशन एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है।