
भारतीय सेना ने एक बार फिर अपने दुश्मनों को साफ संदेश दे दिया है कि आतंक की ज़मीन पर कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के अस्थाई स्थगन के बावजूद, भारतीय सेना ने आतंकवादियों के सफाये के लिए एक नई रणनीति के तहत ‘ऑपरेशन केलर’ का आगाज़ कर दिया है।
क्यों शुरू हुआ ‘ऑपरेशन केलर’?
पाकिस्तान की सरज़मीं पर पल रहे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी भारतीय सेना के निशाने पर हैं। ख़ुफिया जानकारी के अनुसार, ये आतंकी भारत विरोधी साज़िशों में सक्रिय रूप से शामिल थे। सीमा पार से हो रही घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए सेना ने बिना समय गंवाए ऑपरेशन केलर शुरू कर दिया। इस ऑपरेशन का मकसद है पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों का सफाया करना और सीमा पर शांति सुनिश्चित करना।
क्या है ऑपरेशन का लक्ष्य?
‘ऑपरेशन केलर’ का मुख्य उद्देश्य लश्कर के गुप्त ठिकानों को निशाना बनाना है। सेना के सूत्रों के अनुसार, इस मिशन में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे आतंकियों की लोकेशन का सटीक अंदाज़ा लगाया जा सके। इस ऑपरेशन में स्पेशल फ़ोर्सेज़, ड्रोन सर्विलांस और हाई-टेक हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है।
ऑपरेशन केलर का असर
पहले ही कुछ घंटों में सेना ने लश्कर के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। स्थानीय सूत्रों की मानें तो आतंकियों में खौफ का माहौल है और कई ने अपने ठिकाने बदलने शुरू कर दिए हैं। सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक अंतिम आतंकी का सफाया नहीं हो जाता।
‘ऑपरेशन केलर’ भारतीय सेना का एक और साहसी कदम है, जो यह साबित करता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा। आतंकियों के छुपने के सारे रास्ते बंद हैं और भारतीय सेना का यह प्रहार आने वाले समय में क्षेत्रीय शांति को और मजबूती देगा।