
नई दिल्ली, मंगलवार, 7 मई 2025:
भारत सरकार और सेना ने आज फिर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद आतंकी अड्डों पर जबरदस्त कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत तीसरी एयरस्ट्राइक की। आज तड़के सुबह 4 बजे शुरू हुई इस ऑपरेशन में रावलकोट और मुजफ्फराबाद के बीच छुपे हुए तीन प्रमुख आतंकी लॉन्च पैड्स को टारगेट किया गया। इस कार्रवाई में 30 आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
इस प्रकार, 22 अप्रैल को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में अब तक 130 से ज्यादा आतंकवादियों का खात्मा हो चुका है।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि:
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक दर्दनाक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए। इनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन ने ली थी।
इस अमानवीय हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की। इस ऑपरेशन का नाम उन शहीदों की पत्नियों को समर्पित है, जिनकी मांग का सिंदूर छिन गया।
7 मई की कार्रवाई – आज की ताज़ा अपडेट्स:
समय: सुबह 4:10 से 5:20 बजे तक। स्थान: रावलकोट, बाघ, मुजफ्फराबाद के बीच 3 आतंकी कैंप। उपकरण: मिराज-2000 और ड्रोन से सटीक बमबारी। नतीजा: 30 आतंकवादी मारे गए, जिनमें 2 प्रशिक्षक और 1 पाकिस्तानी नागरिक शामिल। हथियार डिपो और कम्युनिकेशन हब पूरी तरह तबाह। कोई भारतीय जवान घायल नहीं।
सेना का आधिकारिक बयान:
भारतीय थलसेना के प्रवक्ता कर्नल अजय सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया:
“यह ऑपरेशन पूरी तरह आतंकवाद के खिलाफ है। पाकिस्तानी सेना पर हमला नहीं किया गया है। हमारा लक्ष्य केवल उन तत्वों को समाप्त करना है जो भारत की शांति व्यवस्था के लिए खतरा हैं।”
राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आपात बैठक के बाद कहा: “हर भारतीय के खून की कीमत है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन आतंक को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” अमेरिका और फ्रांस ने भारत के जवाबी कदम को “आत्मरक्षा का अधिकार” बताया है। संयुक्त राष्ट्र ने संयम बरतने की सलाह दी है, लेकिन भारत के सुरक्षा कदमों को अनुचित नहीं ठहराया।
पाकिस्तान की स्थिति:
पाकिस्तानी मीडिया में “जवाबी कार्रवाई” की धमकियां। इस्लामाबाद, रावलपिंडी, कराची में हाई अलर्ट घोषित। कई एयरस्पेस अस्थायी रूप से बंद। अब तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया है, बल्कि यह भारत की नई सुरक्षा नीति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें “सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, निर्णायक सफाया” की भावना है।
आज की कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति अपनाएगा।