
चीन एक बार फिर से अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों के नाम बदलने की हरकत कर रहा है। यह कोई नई बात नहीं है, इससे पहले भी चीन ने इसी तरह से भारतीय सीमाओं पर अपने दावे ठोकने की कोशिश की है। पर इस बार भारत ने डंके की चोट पर स्पष्ट संदेश दिया है कि नाम बदलने से ज़मीन की हकीकत नहीं बदलती।
चीन की हरकतों पर भारत की दो-टूक
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, यह बात भारत सरकार ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट की है। चीन की ओर से हाल ही में कुछ क्षेत्रों के नाम बदलने का ऐलान किया गया, जिसका मकसद केवल भ्रामक प्रचार और क्षेत्रीय दावे को मज़बूत करना है। लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा, “नाम बदलने से वास्तविकता नहीं बदलती। अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का हिस्सा था, है और रहेगा।”
सोशल मीडिया पर गुस्सा
भारत के लोगों में चीन की इस हरकत को लेकर काफ़ी आक्रोश है। सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक यूज़र ने लिखा, “अरुणाचल हमारा था, है और रहेगा। चीन को अपनी हद में रहना चाहिए।” इसी तरह, कई लोग चीन के इस कदम की निंदा कर रहे हैं और भारत सरकार से कड़ी प्रतिक्रिया की मांग कर रहे हैं।
चीन की ‘नक्शे की राजनीति’
विश्लेषकों का मानना है कि चीन की यह रणनीति नक्शे की राजनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रामक दावे करना चाहता है। लेकिन भारत ने साफ़ कर दिया है कि इस तरह की चालबाज़ियों से भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत का सशक्त रुख
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है। चीन की ऐसी हरकतों का जवाब भारतीय सेना और सरकार दोनों ही मोर्चों पर देने के लिए तैयार हैं।
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों का नाम बदलना एक कूटनीतिक चाल से अधिक कुछ नहीं है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलती और अरुणाचल हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा।