
वाशिंगटन / न्यूयॉर्क: हाल ही में ऐसी खबरें सामने आईं कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 90 दिनों के लिए टैरिफ (आयात शुल्क) को अस्थायी रूप से रोकने पर विचार कर रहे हैं। इस खबर ने अमेरिकी शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव पैदा कर दिया। हालाँकि, व्हाइट हाउस ने तुरंत इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसी किसी योजना पर विचार नहीं किया जा रहा है।
इन अटकलों के कारण S&P 500 इंडेक्स में शुरुआत में 4.7% की तेज गिरावट देखने को मिली, जिससे बाजार “bear market” (मंदी के बाजार) में प्रवेश कर गया। लेकिन 34 मिनट के भीतर ही इंडेक्स में 8.5% की रिकवरी आई। निवेशकों को उम्मीद थी कि टैरिफ में राहत से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा। हालाँकि जब व्हाइट हाउस ने इस खबर को “झूठी” बताया, तो बाजार फिर से स्थिर हो गया।
प्रसिद्ध निवेशक बिलियनियर बिल ऐकमन ने भी इस संदर्भ में चिंता जताई। उन्होंने सरकार से अपील की कि कम से कम 90 दिनों के लिए टैरिफ हटाए जाएं, ताकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को एक “स्वनिर्मित आर्थिक परमाणु सर्दी” (economic nuclear winter) से बचाया जा सके। लेकिन ट्रंप ने साफ कहा, “हम ऐसा कुछ नहीं सोच रहे हैं।”
इस खबर का वैश्विक असर:
इस अफवाह और बाद में हुए खंडन ने न केवल अमेरिकी बाजार को प्रभावित किया, बल्कि वैश्विक शेयर बाजारों में भी अस्थिरता पैदा की। भारत जैसे उभरते बाजारों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला, क्योंकि निवेशक अमेरिका की व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता में हैं।