
वॉशिंगटन | 4 अप्रैल 2025 – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन और अन्य देशों पर आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की घोषणा की है। उनके इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।
ट्रंप के टैरिफ फैसले के प्रमुख बिंदु
✅ चीन पर 60% तक टैरिफ – ट्रंप ने कहा है कि यदि वे फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो चीन से आयातित वस्तुओं पर 60% तक टैरिफ लगाया जाएगा। ✅ अन्य देशों पर भी असर – ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि यूरोप, भारत, और अन्य देशों से आयातित वस्तुओं पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है। ✅ ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति की वापसी – ट्रंप का कहना है कि यह कदम अमेरिकी उद्योगों को सुरक्षा देने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव
- चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध गहराएगा, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है।
- भारत और अन्य देशों के निर्यात पर असर पड़ सकता है, क्योंकि उच्च टैरिफ से अमेरिकी बाजार में प्रवेश महंगा हो जाएगा।
- अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ेगी।
भारत पर क्या असर होगा?
- भारतीय आईटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर असर पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा सकता है।
- चीन से आयात महंगा होने के कारण भारत को कुछ सेक्टरों में नया व्यापारिक अवसर मिल सकता है।
- अमेरिका में भारतीय मूल की कंपनियों और निवेशकों के लिए अनिश्चितता बढ़ सकती है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने ट्रंप के इस ऐलान को “आर्थिक आक्रमण” करार दिया है और कहा है कि यदि अमेरिका ऐसा करता है, तो बीजिंग भी जवाबी कदम उठाएगा। इससे व्यापार युद्ध और बढ़ सकता है।
आगे क्या?
अगर ट्रंप 2024 में राष्ट्रपति बनते हैं और यह टैरिफ लागू करते हैं, तो दुनिया की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अमेरिका, चीन, भारत और यूरोप को नई व्यापारिक रणनीति अपनानी होगी।