

जयपुर में हिरासत की खबर से सनसनी
‘IIT बाबा’ के नाम से मशहूर अभय सिंह, जो IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं, को हाल ही में जयपुर में गांजा रखने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया। इस घटना ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, क्योंकि अभय सिंह आध्यात्मिक दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे थे। पुलिस के अनुसार, उनके पास से मिली मात्रा बहुत कम थी, इसलिए कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया।
आरोप और अभय सिंह की सफाई
अभय सिंह ने अपने बयान में कहा कि जो पदार्थ उनके पास मिला, वह उनकी अघोरी परंपरा का हिस्सा था। उन्होंने इसे ‘प्रसाद’ बताते हुए कहा कि यह उनकी आध्यात्मिक साधना का एक पहलू है। उस दिन वे अपना जन्मदिन मना रहे थे और उनका किसी कानून को तोड़ने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने पुलिस के साथ पूरा सहयोग किया और कानूनी प्रक्रिया को शांति से अपनाया।
IIT से आध्यात्मिक गुरु बनने तक का सफर
अभय सिंह का जीवन हमेशा से सामान्य नहीं रहा। IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद, उन्होंने कॉर्पोरेट करियर को छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग चुन लिया। वे देशभर में घूमकर योग, ध्यान और सनातन परंपराओं का अध्ययन करने लगे। महाकुंभ 2025 के दौरान वे खासा चर्चा में आए, जब उनके विचार और जीवनशैली ने युवाओं को आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित किया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
हिरासत की खबर फैलने के बाद, सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने उनके समर्थन में पोस्ट किए, तो कुछ ने उनकी जीवनशैली पर सवाल उठाए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अभय सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि “सत्य की राह पर चलने वाले को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मेरी साधना और सेवा जारी रहेगी।”
जमानत के बाद क्या बोले अभय सिंह?
जमानत पर रिहा होने के बाद, अभय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना उनके लिए एक सीख थी। उन्होंने कहा, “मैं कानून का सम्मान करता हूं और पुलिस का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे अपनी बात रखने का मौका दिया। मेरा उद्देश्य सिर्फ लोगों को आध्यात्मिक जागरूकता की ओर ले जाना है, न कि किसी को गुमराह करना।”
आगे की योजना और भक्तों का समर्थन
इस घटना के बाद भी अभय सिंह का आध्यात्मिक सफर रुका नहीं है। उन्होंने अपने आश्रम में साधना जारी रखी है और वे नियमित रूप से अपने अनुयायियों के साथ सत्संग कर रहे हैं। उनके भक्तों का कहना है कि वे इस घटना से प्रभावित नहीं हैं और बाबा के साथ पूरी तरह खड़े हैं।
सीख: आध्यात्मिकता और कानून के बीच संतुलन
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आध्यात्मिक परंपराओं और आधुनिक कानून के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। जहां एक ओर व्यक्तिगत आस्था है, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था भी जरूरी है। अभय सिंह का मामला हमें यह सिखाता है कि भले ही आप किसी आध्यात्मिक मार्ग पर हों, लेकिन समाज के नियमों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
‘IIT बाबा’ अभय सिंह की यह घटना भले ही विवादों में रही हो, लेकिन इससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ा। वे आज भी अपने अनुयायियों के साथ हैं, साधना कर रहे हैं, और अपने ज्ञान से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर उनका सफर किस दिशा में जाता है और वे अपनी जीवनशैली को किस तरह संतुलित करते हैं।